नई दिल्ली। नाराज सऊदी अरब को मनाने पहुंचे पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा को घोर बेइज्जती का सामना करना पड़ा है। खबरें हैं कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पाकिस्तानी आर्मी चीफ से मुलाकात ही नहीं की। इसके बजाय उन्हें क्राउन प्रिंस के छोटे भाई के साथ बैठक की अनुमति दी गई, जो कि सऊदी अरब के उप रक्षा मंत्री हैं।
Pakistan’s gross insult, Crown Prince MBS of Saudi Arabia did not meet Pakistan Army Chief
New Delhi. Pakistan Army Chief General Qamar Javed Bajwa, who came to persuade angry Saudi Arabia, has faced gross insult. There are reports that Saudi Arabia’s Crown Prince Mohammed bin Salman did not meet the Pakistani Army Chief. Instead he was allowed to have a meeting with the younger brother of the Crown Prince, who is the Deputy Defense Minister of Saudi Arabia.
इतना ही नहीं, कहा यह भी जा रहा है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख को एक पदक दिया जाना था, जिसे सऊदी ने देने से मना कर दिया।
आपको बता दें कि सऊदी अरब द्वारा दशकों पुरानें संबंधों को खत्म करने के ऐलान से पाकिस्तान (च्ंापेजंद) बेचौन हो गया है।
नाराज सऊदी अरब को मनाने के लिए पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा रियाद पहुंचे हैं।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बयानों से खफा होकर सऊदी ने पाकिस्तान के साथ अपने संबंध तोड़ने का ऐलान कर दिया है।
उसने इस्लामाबाद को कच्चे तेल की सप्लाई और लोन देने पर रोक लगा दी है।
हालांकि पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा कि यह यात्रा पूर्व नियोजित थी और मुख्य रूप से सैन्य मामलों को लेकर है।
पाकिस्तान द्वारा लगातार कश्मीर राग अलापना सऊदी अरब की नाराजगी की प्रमुख वजह है।
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हाल ही में कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ रुख नहीं अपनाने के लिए सऊदी अरब के नेतृत्व वाले संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की आलोचना की थी।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि आप (ओआईसी) इस मामले में आगे नहीं आता, तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से उन इस्लामिक देशों की बैठक बुलाने के लिए मजबूर हो जाऊंगा, जो कश्मीर के मुद्दे पर हमारे साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं।
कुरैशी ने यह भी कहा था कि जैसे पाकिस्तान ने सऊदी अरब के अनुरोध के बाद खुद को कुआलालंपुर शिखर सम्मेलन से अलग किया, वैसे ही अब रियाद को इस मुद्दे पर नेतृत्व दिखाना चाहिए।
सिर्फ कुरैशी ही नहीं, इमरान खान भी सऊदी अरब विरोधी बयान दे चुके हैं।
22 मई को कश्मीर में ओआईसी के सदस्यों से समर्थन जुटाने में पाकिस्तान विफल रहा था।
उसके बाद प्रधान मंत्री इमरान खान ने कहा था कि इसका कारण यह है कि हमारे पास कोई एकजुटता नहीं है और हमारे बीच सिर्फ विभाजन है।
गौरतलब है कि इस्लामाबाद, इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए जोर दे रहा है।